सम्पूर्ण जगत का आधार सनातन संस्कृति। सनातन संस्कृति का बैभवमय भूखंड भारत भूखंड सम्पूर्ण मुनि और ऋषिओं का देश हे। जहाँ का अतीत , बर्तमान और भबिष्य साधु संतों से जुड़ा हुआ हे। जिस सनातन का अमृत धारा से समग्र मानव जाती का कल्याण साधन होता हे वही धारा का अनमोल स्रोत साधु संतों से धरा धाम को पहंचता हे। पुण्य बिभूति साधु संतों के अनंत तपस्या का फल स्वरुप समाज सुसंगठित होता हे , सुसंस्कारित होता हे , स्वाभिमानी होता हे , सशक्त होता हे , परम बैभवशली होता हे। जिस समाज पर साधु संतों का कृपा होता हे मनो उन पर ईस्वर आशीर्वाद भी होता हे। युगों युगों में मानव कल्याण और मानव जाती का उद्धार हेतु संत समाज ही आगे आया हे। परन्तु आज साधु संत असुरक्षित हो गए हैं। भिन्न भिन्न समय में भिन्न भिन्न सरकारी बदलाव तथा अन्यान्य स्वार्थ के कारण सरकारी ब्यबस्था भी आज साधु संतों को सुरक्षा देने में असमर्थ हो गया हे। कई जगहों में साधु संतों को अपमानित किया जाता हे ,उनके ऊपर आक्रमण होता हे , कई जगहों में साधु संतों को मार दिया जाता हे। साधु संतों के संस्कार के कारण वो अकेले रहते हैं, गांव या सहर से दूर रह कर समाज के मंगल के लिए चिंतन करते हैं, तपस्यारत रहते हैं तथा अनेक कार्यक्रमों के जरिए समाज को सदैव संस्कारित करते हैं। और यही वजह हे की वो लोग अकेले हो जाते हैं। और कुछ कुकर्मी, अधर्मी और बिधर्मी बिषय भोग में उत्पात मचाने वाले लोक लाभ उठा कर उन लोगों को दुर्वल और अकेला समझ कर उन पर आक्रमण करते हैं। जब संस्कृति के राक्षक नहीं बचेंगे तो संस्कृति कैसे बचेगा ? जब संस्कृति नहीं बचेगा तो सभयता कैसे बचेगा ? जब सभयता नहीं बचेगा तो देश की अस्तितव कैसे बचेगा ?
हिन्दुस्थान के सुरक्ष्या हेतु, हिन्दुस्थान के अगले पीढ़ी के सुरक्ष्या हेतु साधु संतों के सुरक्ष्या अत्यंत अनिवार्य हो गया हे। उनके सुरक्ष्या हेतु ओडिशा प्रान्त के राजधानी भुबनेश्वर से सुरु हुआ हे सनातनी साधु संतों के सुरक्ष्या का प्रयाश। राजधानी भुबनेश्वर के राजधानी धारणा स्थल पर ०७ जनवरी २०२४ परम पूज्य स्वामी क्रांति स्वरूपानंद गिरी जी महाराज, झारखण्ड राजर्षि क्षेत्र के राजर्षि परम पूज्य स्वामी जयरामानन्द गिरी जी महाराज और पंजाब से स्वामी हरिनारायण गिरी जी महारज , स्वामी प्रभात तीर्थ महाराज , स्वामी लक्ष्मण दास महाराज , हरिशंकर बाबा जी , स्वामी विश्वेश चैतन्य महाराज और ब्रह्मचारी प्रदीप्त बाबा समेत अन्य साधु संत के दिब्य उपस्थिति में सर्कार से संतों के सुरक्षा हेतु एक स्वतंत्र न्याय ब्यबस्था का मांग किया गया हे जिसका नेतृत्व श्रीमान कृतिवास रथ जी कर रहे थे । और यह प्रस्ताब को सम्पूर्ण ओडिशा प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भरपूर समर्थन मिल रहा हे। सम्पूर्ण कार्यक्रम में अखिल भारतीय बसुंधरा परिबार का अनमोल योगदान उल्लेखनीय रहा। कार्यक्रम में बसुन्धरा परिवार के अध्यक्षा ममता बहन और शुशांत मिश्रा जी उपस्थित रहकर सभीके उत्साह बढ़ा रहे थे। कृतिवास भाई जी के अथक प्रयासों से यह कार्यक्रम सफल हुआ। ओडिशा के बिभिन्न प्रान्त से अनेक धर्म रक्षक और आचार्य भी उपस्थित रहे और सम्पूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहे थे।ओडिशा प्रान्त के अनेक हिन्दू संगठनों ने भी यह मांग किए हैं की सनातन के समस्त साधु संतों के सुरक्षा हेतु एक स्वतंत्र ब्यबस्था होना जरुरी हे। ऋषि संबिधान आप सभी लोगों का अमूल्य योगदान को सदैव स्मरण रखेगा।